Porcupyn's Blog

September 2, 2014

Songs of the 1970s – my favourites – 85

Filed under: Music — Porcupyn @ 11:59 pm

betaab dil kii tamannaa yahii hai – lyrics from giitaayan

बेताब दिल की तमन्ना यही है
तुम्हें चाहेंगे तुम्हें पूजेंगे
तुम्हें अपना ख़ुदा बनाएँगे, बेताब …

सूने सूने ख़्वाबों में जब तक तुम न आये थे
ख़ुशियाँ थीं सब औरों की, ग़म भी सारे पराये थे
अपने से भी चुपाई थी धड़कन अपने सीने की
हम को जीना पड़ता था, ख़्वाहिश कब थी जीने की
अब जो आके तुम ने हमें जीना सिखा लिया है
चलो दुनिया नई बसाएँगे, बेताब …

भीगी भीगी पलकों पर सपने इतने सजाए हैं
दिल में जितना अँधेरा था, उतने उजाले आए हैं
तुम भी हम को जगाना ना, बाहों में जो सो जाएँ
जैसे ख़ुश्बू फूलों में तुम में यूँ ही खो जाएँ
पल भर किसी जनम में कभी छूटे ना साथ अपना
तुम्हें ऐसे गले लगाएँगे, बेताब …

वादे भी हैं, क़समें भी, बीता वक़्त इशारों का
कैसे कैसे अरमाँ हैं, मेला जैसे बहारों का
सारा गुलशन दे डाला, कलियाँ और खिलाओ ना
हँसते हँसते रो दें हम, इतना भी तो हँसाओ ना
दिल में तुम्हीं बसे हो, रहा आँचल वो भर चुका है
कहाँ इतनी ख़ुशी छुपाएँगे, बेताब …

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